नई दिल्ली (18 अक्तूबूर 2015)- मंहगाई की मार झेल रही जनता के लिए दालों की बढ़ती कीमतों से जल्द राहत मिल सकती है। इस मामले को लेकर सरकार ने भी कदम उठाने शुरु कर दिय हैं। सरकार ने राज्य सरकारों को जमाखोरी विरोधी कार्रवाई तेज करने तथा कारोबारियों द्वारा कालाबाजारी तथा मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के निर्देश दिये गये है। पीआईबी द्वारा जारी एक रिलीज़ के मुताबिक दालों की जमाखोरी रोकने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के इरादे से केंद्र ने आयातकों, निर्यातकों, लाइसेंस प्राप्त खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं के साथ बिग बाजार जैसे बड़े डिपार्टमेंटल दुकान चलाने वाले खदुरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा शनिवार को नियत की है।
सरकारी बयान के मुताबिक़ दालों की भंडार सीमा पिछले कुछ साल से नियत है। हाल ही में जिंस पर भंडार सीमा एक साल के लिये और बढ़ाते हुए सरकार ने उक्त चार श्रेणियों को इससे छूट दे दी थी। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि दालों की उपलब्धता बढ़ाने तथा जमाखोरी रोकने के लिये सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आदेश में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है ताकि आयात के जरिये प्राप्त दलहनों, निर्यातकों के भंडार के साथ..लाइसेंस प्राप्त खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा कच्चे माल के रूप में उपयोग किये जाने वाले दलहनों तथा बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर के पास दालों के भंडार पर तत्काल प्रभाव से सीमा लगायी जा सके। सरकार ने अब इन चार श्रेणियों को दलहन भंडार सीमा से दी गयी छूट वापस ले ली है।
खाद्य मंत्रालय का कहना है कि कैबिनेट सचिव दैनिक आधार पर कीमत स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये सभी विभागों को आवश्यक जिंसों खासकर दालों की कीमतों पर नजर रखने तथा सभी राज्यों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों को जमाखारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने तथा व्यापारियों द्वारा की जा रही कालाबजारी तथा मुनाफाखोरी रोकने की सलाह दी जाती है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में दालों की कीमतों में काफी उछाल आया है। जिसकी वजह से घरेलू उत्पादन में कमी आना है। कमजोर बारिश तथा बेमौसम बारिश से फसली वर्ष 2014-15 यानि जून-जुलाई में दालों का उत्पादन 20 लाख टन घटकर 1.72 करोड़ टन रहा। दरअसल देश के अधिकतर भागों में खुदरा बाजार में तुअर दाल की कीमत 190 रुपये किलो तक पहुंच गयी है जो एक साल पहले 85 रुपये किलो थी। इसी तरह उड़द दाल का भाव भी बढ़कर करीब 190 रुपये किलो पहुंच गया है जो एक साल पहले 100 रुपये किलो था।