गाजियाबाद(28अगस्त2015)- उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं को सुरक्षा की ज़रूरत है और दलितों की संपत्ति पर दंबगों की नज़र है। ये कहना है राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष, डॉ. पी.एल पुनिया का। शुक्रवार को गाजियाबाद के जिलाधिकारी और एसएसपी समेत अधिकारियों के साथ एक मीटिंग में उन्होने सूबे में ख़ासतौ से गाजियाबाद में दलितों और कमज़ोर तबक़े के लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेने की बात कही।
पीएल पूनिया ने अधिकारियों को निर्देश दिये शिकायतकर्ता की शिकयतों को गम्भीरता से लिया जाए और उनको खुद सुनकर समाधान भी करें। उन्होने पुलिस अधिकारियो द्वारा अपने मातहतों से सुनवाई कराई जाने की प्रवृति से नाराज़गी जताते हुए अफसरों से कहा कि जनता की शिकायतों को अपने रीडरों पर न छोड़ बल्कि यदि ख़ुद सुनकर समस्या का निदान किया जाए। डॉ. पीएल पूनिया ने अनुसूचित जाति के उत्पीड़न एवं भूमि विवादों से सम्बन्धित शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान राज्य सरकार द्वारा दलितों की सम्पत्ति खरीदने की छूट पर चिंता ज़ाहिर की। पीएल पुनिया ने बताया कि जनपद गाजियाबाद के 81 केसों की समीक्षा की गई है, जिनमें से 64 प्रकरण अनुसूचित जाति उत्पीड़न से सम्बन्धित थे। जिनमें से 58 प्रकरणों का निस्तारण आज हुआ है। उन्होने बताया कि 06 प्रकरणों में आन्शिक निस्तारण हुआ है।जिनमें से 17 प्रकरण जमीनी विवाद से सम्बन्धित थे, जिनमें से 12 का निस्तारण आज हुआ है। इस अवसर पर जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, धमेन्द्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन उदय सिंह, सचिव, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नगर मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी डॉ. नितिन मदान, उप जिलाधिकारी लोनी सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी पुलिस तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।