गाजियाबाद (5 अक्तूबर 2015)- डेगू सेनिपटने के लिए गाजियाबाद अस्पताल ने बनाई रणनीति । डेंगू जिसको लेकर देश खासकर दिल्ली एनसीआर में एक खतरनाक बीमारी का रूप ले चुकी है । डेंगू एक सीमित समय के लिए आता है और चला जाता है । जिसे रोकने के लिए सभी असपतालो की तैयारी पूरे जोश से होती है । यह बीमारी भारत ही नही कई और देशो में अपना पैर पसारती है जिसके चलते हजारो लोगो को अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ता है। सोमवार को जब हमारे संवादाता नरेन्द्र कुमार ने गाजियाबाद के जिला अस्पताल एमएमजी का रुख किया तो वहां डा. मुशर्रफ बेग से मुलाकात के दौरान पता चला कि यहां प्रतिदिन डेंगू के अलावा भी कई बुखारो के जिनमें मुख्य रुप से मलेरिया, टायफाइड, जैसे बुखारों के तीन सौ से साढे़ तीन सौ मरीज़ आते हैं । जिनमें सबसे ज्यादा मरीजों टाएफाइड और वायरल बुखार के लक्षण पाये जाते । डेंगू के कुछ ही मरीज होते हैं उनसे बात करके पता चला कि इन बुखारो के मरीजों के सिर दर्द तेज बुखार, के साथ उल्टी और हड्डियों में दर्द की शिकायतें रहती हैं ।
इनमें डेंगू के मरीज के प्लेटलेट्स की संख्या अचानक तेजी से कम होने लगती है। डा.बेग ने बताया कि इस कमी को पूरा करने के लिए जगह जगह कैंपो का आयोजन किया गया जिनसे मरीजों को तुरन्त सहायता पहुचाई जाती है । डेंगू की जांच के लिए एनएस-1 का प्रयोग किया जाता है जिससे मरीज की 10-15 मिनट में जांच की जाती है ।