गाजियाबाद (4 नवंबर 2015)- अपने एक लेख में हमने एक बार गाजियाबाद पुलिस से सवाल किया था कि आखिर क्या वजह है कि दिल्ली से आते समय गाजियाबाद में घुसते ही हर दो पहिया चालक अपना हैलमेट और कार चालक सीट बैल्ट हटा लेता है, और क्यों गाजियाबाद से दिल्ली जाते समय दिल्ली की सीमा में घुसते ही सीट बैल्ट और हैलमेट लगा लिये जाते हैं। शायद ये बात गाजियाबाद पुलिस कप्तान धर्मेंद्र यादव तक पहुंची या फिर हो सकता है कि उन्होने अपने आप ही गाजियाबाद में बेकाबू होते हुए ट्रैफिक की गंभीरता को समझा हो। लेकिन इतना तो तय है कि उनके कार्यकाल में ट्रैफिक कंट्रोल की लगातार कोशिशें सामने आ रही है।
हर साल की तरह इस बार भी यातायात माह चलाया जा रहा है। जिसमें महज 4 दिनों में ही अब तक सैंकड़ो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है, जो ट्रैफिक कानूनों को एक मजाक ही समझते थे। इस बार गाजियाबाद पुलिस ने ट्रैफिक को लेकर जागरुकात के उद्देश्य से स्कूली बच्चों और शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से समाज को इस गंभीर विषय पर जागरुक करने का मन बनाया है। इसी कड़ी में बुधवार को गाजियाबाद के जाने माने संस्थान जयपुरिया इंस्टिट्यूट में एक कैंप का आयोजन किया। जिसमें गाजियाबाद के एसपी ट्रैफिक अमर सिंह ने ट्रैफिक के नियमों के साथ साथ उसके पालन के फायदों से आज की युवा पीढ़ी को अवगत कराया। कुल मिला कर समाज को एक अच्छा पैगाम देने के उद्देश्य से गाजियाबाद पुलिस की इस पहल के अच्छे परिणाम आने की शहर को काफी उम्मीदें है।