गाजियाबाद (14 जुलाई 2016)- यहां के नये पुलिस कप्तान एस एमुनेअल अपराध को रोकने के लिए लगातार कोशिश में हैं। गुरवार को उन्होने अपनी टीम को चुस्त-दुरुस्त बनाने और पुलिस बल में उत्साह भरने के लिए कई पुलिस अधिकारियों को इधर से उधर किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कई सब इंसपक्टरो को दूसरी जगहों पर भेजा गया है।
इस कड़ी में उप निरीक्षक धर्मेन्द्र लाम्बा जो अब तक सूर्यनगर चौकी प्रभारी थे उनको एस.एस.आई. लोनी बार्डर बना दिया गया है। जबकि उ.नि. भूदेव सिंह एस.एस.आई. जो थाना लोनी बार्डर थे उनको थाना मुरादनगर भेज दिया गया है। इसी तरह एसआई शरद तिलारा जो चौकी इंचार्ज प्रताप बिहार थाना विजयनगर थे उनको एस.एस.आई थाना लिंकरोड बना दिया गया है। सथ ही एसआई रामकुमार वशिष्ठ अभी तक पुलिस लाइन में आराम कर रहे थे उनको चौकी प्रभारी लोनी तिराहा की जिम्मेदारी दी गई है। उधर एसआई मेहश पाल सिंह अभी तक शिकायत प्रकोष्ठ में क्लर्की कर रहे थे उनको चौकी प्रभारी दयानन्दनगर थाना सिहानीगेट की अहम जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे ही एसआई राजकुमार सिंह थाना सिहानी गेट में थे उनको चौकी प्रभारी सूर्य नगर बना दिया गया है। जबकि एसआई रामसंजीवन यादव थाना सिहानी गेट से चौकी प्रभारी घंटाघर थाना कोतवाली बना दिये गये हैं। उधर एसआई रमेश चन्द्र राणा थाना विजयनगर से विजय की ही प्रताप चौकी के प्रभारी बना दिये गये हैं। उप निरीक्षक अतुल चौहान चौकी प्रभारी अतरौली थाना भोजपुर से चौकी प्रभारी खन्नानगर थाना लोनी भेज दिये गये हैं। और एसआई पारस मलिक जोकि थाना लोनी चौकी प्रभारी थे उनको रूपनगर थाना लोनी भेज दिया गया है। एसआई विजय कुमार पुलिस लाइन की बोरियत से टौकी चौकी प्रभारी अतरौली थाना भोजपुर जैसे चैलेंज वाली जगह पहुंचा दिये गये हैं। साथ ही एसआई भरत सिंह सोलंकी जो अब तक पुलिस लाइन में बोर हो रहे थे उनको थाना सिहानी गेट जैसे अहम थाने में भेज दिया गया है। उधर एसआई राज किशोर भी पुलिस लाइन में पड़े थे उनको भी थाना कोतवाली भेज दिया गया है। एस.आई ब्रजमोहन लाल पुलिस लाइन से थाना मोदीनगर और एसआई गजेन्द्र सिंह थाना मसूरी से थाना मोदीनगर भेज दिये गये हैं।
भले ही कप्तान ने अपने पुलिस बल को चुस्त बनाने के लिए कइयों को इधर उधर कर दिया हो। लेकिन चर्चा ये भी है कि इस दबादले में कई रसूखदारों और एक पत्रकार लॉबी का भी दखल रहा है। क्योकिं लोगों में चर्चा ये भी है कि जनपद के कई थानों में आज भी कई ऐसे चेहरे मजबूती से जमे हुए है कि कई साल से एक ही चौकी या थाना उनका घर जैसा लगने लगा है। हालांकि चर्चा ये भी है कि कप्तान भले ही अभी नये हैं, लेकिन जल्द ही अपनी पैनी नज़र से वो अपने विभाग की हर गतिविधि का पोस्टमॉर्टम भी कर देगें।