ग़ाज़ियाबाद (06 जनवरी 2016)- गांवों के विकास को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार गंभीर हो गई है। इस बारे में राज्य महिला आयोग की सदस्या राजदेवी चौधरी ने बताया कि राज्य महिला आयोग की पहल पर आयोग की सदस्यायें एक-एक गांव गोद लेगी। उन्होंने बताया कि शासकीय योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने, महिलाओं को कानूनों की जानकारी देने तथा महिलाओं के उत्पीड़न रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
राज्य महिला आयोग की सदस्या राजदेवी चौधरी बुधवार को स्थानीय लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में महिलाओं की समस्याओं की सुनवाइे कर रही थी। श्रीमती चौधरी ने बताया कि अब राज्य महिला आयोग की सदस्या ग्रामों में पचांयत लगायेगीं तथा गांवो की महिलओं को कानूनों सहित सरकार द्वारा उनके विकास के लिए उठाए गये कदमों की जानकारी देंगी। उन्होंने बताया कि महिलओं का सुनवाई के दौरान ही चिकित्सा शिविर लगवाकर उनके स्वास्थ्य का चैकअप भी कराया जायेगा तथा महिलाओं को प्रेरित किया जायेगा कि वह किसी भी महिलओं के जुल्म के विरूद्ध अपनी आवाज को बुलन्द करें। सदस्या महिला आयोग ने बताया कि जो गांव गोद लिया जायेगा उसमें न केवल महिलाओं की तकलीफ को दूर किया जायेगा बल्कि गांव का पूरा विकास भी कराया जायेगा ताकि हमारे गांव में विकास योजनाओं का सही प्रकार से संचालन हो सकें और विकास किरण गांव के द्वारा खेतों और खलियानों तक पहुंच सके।
श्रीमती राजदेवी चौधरी ने बताया कि महिला आयोग ने महिलाओं को शसक्त करने के लिए आशा किरण नाम से भी एक कार्यक्रम चलाया है जिसके तहत जनपद में 10 बालिकाओं का चयन किया जायेगा और ये चयनित बालिकाओं को प्रशिक्षित भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चयनित बालिकायें अपने आस पास तथा गांव गली में महिलओं के ऊपर होने वाले अत्याचारों की जानकारी न केवल पुलिस प्रशासन को देगीं बल्कि यदि वहां उस स्तर पर कोई राहत नही मिली तो उसकी सीधी जानकारी केवल महिला आयोग को देगीं। जिस पर महिला आयोग उन शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाई करेगा। सदस्या महिला आयोग ने बताया कि महिला आयोग और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पहल पर महिलाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए अब गांव में भी महिला आयोग की पंचायत लगा करेगीं। श्रीमती चौधरी ने बताया कि आज 24 केंस महिलओं के उनके पास आये है। जिनमें से 09 केंसों का मौके पर निस्तारण किया गया है। शेष केसों में महिला पुलिस थानों को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये है। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों से भी कहा कि वह महिला उत्पीडन के केसों में फोरी एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें ।
उत्तर प्रदेश महिला आयोग भले ही महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की बात कर लेकिन सुनवाई के दौरान आने वाली पीड़ित महिलाओं को अधिकारियों और श्रीमति चौधरी के सामने कुर्सी तक मुहय्या न होने की वजह से ज़मीन पर बैठ कर ही अपनी फरियाद सुनानी पड़ी।सुनवाई के दौरान पुलिस, समाज कल्याण महिला कल्याण, सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।