अहमदाबाद (8 अगस्त 2017)- लोकसभा से लेकर कई राज्यों में अपने राजनीतिक अस्तित्व को तरसती कांग्रेस में मुस्लिमों के नाम पर रणनीतिकार बने अहमद पटेल की साख राजनीतिक तलवार की नोक पर टिकी है। बिना चुनाव लड़े संसद में पांचवी बार जाने की उनकी इस बार की कोशिश में अमित शाह की टंगड़ी भारी पड़ती दिख रही है। मंत्री बनने के बजाए बनाने या गिराने में माहिर अहमद पटेल भले ही सोनिया और कांग्रेस की नय्या खेवनहार रहे हों लेकिन फिलहाल गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव में उनकी अपनी सियासी नय्या हिचकोले खा रही है। दरअसल मंगलवार को राज्यसभा की तीनों सीटों के लिए गुजरात विधानसभा में वोटिंग खत्म तो हो गई। लेकिन अहमद पटेल की सीट पर भारी असंमजस बना रहा। चुनाव के दौरान 176 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लेकिन इस बीच कांग्रेस को जिसका डर था वही हुआ, कांग्रेस के 44 में से एक विधायक के क्रॉस वोटिंग की ख़बर आई। जिसके बाद कांग्रेस की आपत्ति को लेकर चुनाव आयोग में बैठक की गई।
दरअसल नाराज विधायक राघवजी पटेल ने बीजेपी को वोट देने के बाद पर्ची दिखाई जबकि कांग्रेस के विधायक भोला पटेल ने भी पर्ची दिखाई थी। जिसके बाद कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने दोनों विधायकों के अमित शाह को पर्ची दिखाने पर वोट खारिज किए जाने की मांग की है। उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे मामले की वीडियो ग्राफी की गई है। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने दावा है कि हमें कुल 43 कांग्रेस, 1 जेडीयू और 1 एनसीपी के विधायकों का वोट मिला है। जबकि हमद पटेल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त रहे। उन्होंने कहा कि संख्याबल हमारे पक्ष में है। रिजल्ट अच्छा आएगा। उधर गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का कहना है कि हमारे उम्मीदवारों की जीत पक्की है, चुनाव की घोषणा के बाद से ही पार्टी इसके लिए काम कर रही थी। पूरे घटनाक्रम के बाद गुजरात कांग्रेस ने अपने कई विधायकों राघवजी पटेल, महेंन्द्र सिंह वाघेला, राघवजी पटेल व धमेन्द्र सिंह जाडेजा, जिन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को वोट किया, उनके खिलाफ पार्टी हाइकमान से लिखित में शिकायत दर्ज कराई है।
वहीं कांग्रेस छो़ड़ चुके गुजरात के पूर्व सीएम व विधायक शंकर सिंह वाघेला ने मतदान के बाद कहा कि मैंने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया है। कांग्रेस के दो विधायकों हकूभाई जाडेजा और राघवजी पटेल ने भी भाजपा के उम्मीदवारों को दिया है। जबकि एनसीपी नेता माजिद मेनन ने मतदान के बाद कहा कि उनकी पार्टी का समर्थन अहमद पटेल को है। अहमद पटेल ओर बलवंत सिंह राजपूत के बीच टक्कर बेहद कड़ी नजर आ रही है।
गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं। भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही है।
दरअसल अहमद पटेल को 2004 व 2009 के लोकसभा चुनावों में यूपीए की जीत का अहम सिपहसालार माना जाता है। कांग्रेस और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार के नाते वह मनमोहन सरकार के कई अहम फैसलों में निर्णायक भूमिका निभाते थे।