नई दिल्ली (5 जुलाई2015) – देश में बड़ी समस्या बने कचरे के निस्तारण के लिए शीघ्र ही नियमावली बनेगी। इस दिशा में राज्यसभा सचिवालय ने विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं जिनमें कहा गया है कि कचरा निस्तारण के लिए क्या बेहतर उपाय हो सकते हैं। इसके बाद विशेषज्ञों ने अपने अपने तरीक़ों से सुझाव तैयार करने शुरु कर दिये हैं।
बतातें चलें कि देश में लाखों मीटरिक टन कूड़ा रोज़ाना निकलता है जिसमें क़रीब 70-80 फीसद ही कूड़े का निस्तारण हो पाता है। बाक़ी कचरा सड़कों पर सड़ता रहता है। जो देश में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इतना ही नहीं कचरे की मात्रा लगातार बढ़ रही है और उसको निस्तारित करने के संस्धानों में उस अनुपात मे वृद्धि नहीं हो पा रही है जितनी होनी चाहिए। जिस कारण कचरा की समस्या बढ़ती ही जा रही है और पर्यावरण को नुक़सान पहुंचा रही है। इसी के मद्देनज़र सरकार ने कचरा निस्तारण के लिए केंद्र सरकार ने नियमावली बनाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर लोकसभा में प्रस्ताव पारित हो चुका है। जो इस समय राज्यसभा में है। राज्यसभा ने अपने स्तर पर कचरे के निस्तारण के लिए विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं। इसमें ठोस कचरा औधोगिक क्षेत्रों से निकलने वाला कचरा, मैडिकल वेस्ट व ई-कचरा का निस्तारण शतप्रतिशत कैसे हो इसके लिए बाक़ायाद सुझाव मांगे हैं। सभी प्रकार के कचरे के निस्तारण के लिए अलग अलग से नियावली तैयार की जाएगी।
देश में निकलने वाला कचरा बड़ी परेशानी बना हुआ है। इससे न केवल लोगों के स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ रहा है बल्कि पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। राज्यसभा ने मुझसे भी कचरा निस्ताण को लेकर सुझाव मांगे हैं। जिनको तैयार किया जा रहा है।
(विजयपाल बघेल, अध्यक्ष पर्यावरण सचेतक समीति)
(रिपोर्ट नई दिल्ली ब्यूरो)