नई दिल्ली(29जुलाई2015)- हैदराबाद के बाद महाराष्ट्र की राजनीति पैर जमाने वाली आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुलमुस्लिमीन यानि एआईएमआईएम की नज़र अब उत्तर प्रदेश की सियासत पर है। सूबे में आगामी पंचायती चुनावों को लेकर पार्टी के मुखिया सासंद और बैरिस्टर असदुद्दीन ओवेसी ने पुख़्ता रणनीति बनानी शुरु कर दी है। प्रदेश में अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए ताबड़तोड़ दौरे और जनसंपर्क करने वाले ओवेसी अब पंचायती चुनाव में मज़बूती से ताल ठोंकने का मन बना चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी मुखिया ओवेसी पंचायती चुनावों में महाराष्ट्र निकाय चुनावों की तर्ज पर कुछ प्रयोग कर सकते हैं। ओवेसी की नज़र उत्तर प्रदेश के दलित संघटनों पर है और वे दलितों के साथ मिलकर सूबे में सियासी उलटफेर की तैयारी कर रहे हैं।
ओवेसी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश पंचायती चुनावों में स्थानीय दलितों और उनके संघटनों से मिलकर मैदान में उतरा जाए। इसके लिए पार्टी ने गांव पंतायतों, जिला पंचायतों और बलॉक प्रमुखों के मुखियाओं से संपर्क भी शुरु करने का मन बना लिया है। मजलिस का मानना है कि पंचायती चुनाव जनता के मुद्दों और उनकी परेशानियों को लेकर उनके बीच जाने का बेहतर मौका है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले मजलिस की बढ़ती गतिविधियां और लोकप्रियता कई सियासी दलों की नींद उड़ा सकती है।