लखनऊ(18नवंबर2015)-प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के 50 जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सूखाग्रस्त घोषित जनपदों में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह फैसला भी लिया कि 31 मार्च, 2016 तक इनके अवशेष मुख्य राजस्व देयों की वसूली स्थगित रहेगी। इस दौरान कृषि ऋण से सम्बन्धित विविध देयों की वसूली के लिए किसानों के खिलाफ उत्पीड़न सम्बन्धी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिन 50 जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया इनमें संत रविदास नगर, सोनभद्र, सुलतानपुर, मिर्जापुर, बलिया, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, बांदा, प्रतापगढ़, चन्दौली, इटावा, बस्ती, बागपत, जौनपुर, फैजाबाद, गोण्डा, कन्नौज, बाराबंकी, संत कबीरनगर, झांसी, जालौन, गोरखपुर, हाथरस, एटा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, फर्रूखाबाद, मऊ, उन्नाव, रामपुर, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकूट, कानपुर नगर, लखनऊ, देवरिया, मैनपुरी, महराजगंज, आगरा, औरैया, पीलीभीत, अमेठी, महोबा, रायबरेली, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, फतेहपुर, अम्बेडकरनगर तथा बलरामपुर।
प्रवक्ता ने कहा कि सूखाग्रस्त घोषित होने वाले जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा सूखे से निपटने के लिए बनाई गई कार्य योजना के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। राजस्व, सिंचाई, पंचायतीराज, ऊर्जा, ग्राम्य विकास, कृषि, खाद्य एवं रसद, समाज कल्याण, संस्थागत वित्त, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, पशुधन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, जल निगम, मत्स्य एवं उद्यान द्वारा सूखाग्रस्त जनपदों में सूखे से उत्पन्न स्थितियों से निपटने हेतु विभागीय स्तर पर हर सम्भव राहत कार्य किए जाएंगे तथा इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को विशेष रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।