नईदिल्ली (19 सितंबर2015)-केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा बलों को प्रतिकूल परिस्थिति में कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए आत्मरक्षा के कार्यों की पुरजोर वकालत की है ।गृह मंत्री राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) के राष्ट्रीय सम्मेलन का शुक्रवार को शुभारंभ करते हुए उन्होने आतंकवादियों और हिंसक समूहों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के पर हायतौबा मचाने वाले निहित स्वार्थी व्यक्तियों और संगठनों की निंदा की। उन्होंने कहा किमानवाधिकारों के ऐसे तथाकथित अगुओं को बेकार महत्व दिया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा आज सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों पर सवाल उठाये जाते हैं, जब देश के कानून प्रक्रिया के बाद अपीलीय न्यायालय द्वारा सजा दी जाती है।
उन्होने कहा कि हमारे तंत्र में कमियां हैं और न्यायिक प्रक्रिया में देरी के कारण लोगों को सलाखों के पीछे उतने समय तक रहना पड़ता है, जो उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए अधिकतम सजा की निर्धारित अवधि की तुलना में अधिक हो जाता है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह गंभीर चिन्ता का विषय है और वह इसके समाधान के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए राज्य सरकारों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।