नई दिल्ली (16अक्तूबर2015) अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म संसद मे शरीक हुए आचार्य लोकेश । अमेरिका के साल्ट लेक सिटी उथाह में आयोजित विश्व धर्म संसद के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया । इस मौके पर आचार्य लोकेश ने कहा कि आज जब विश्व युद्ध, आतंक और हिंसा जैसी समस्याओं से जूझ रहा है मानवता को अहिंसा की जरूरत है| जैसा कि भगवान महावीर ने अपनी शिक्षाओं में कहा है जरूरत है कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में अहिंसा का पालन करे| उन्होंने कहा कि हम अपने विचारों और परम्पराओं की तो इज्जत करते है पर जरूरत है कि हम दूसरे के विचारों और परम्पराओं को भी महत्त्व दे|आचार्य लोकेश 16 अक्टूबर को जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘शांति शिक्षा के द्वारा युद्ध, हिंसा और घृणा की समाप्ति’ विषय पर वक्तव्य देंगे| आचार्य लोकेश ने पिछले 32 वर्षों के अनुसंथान व अनुभव के बाद युद्ध, हिंसा व घृणा के मूल कारणों को खोज कर उनको मिटाने के लिए शांति शिक्षा का प्रायोगिक पाठ्यक्रम तैयार किया है जिसको विश्व धर्म संसद में प्रस्तुत करेंगे| आचार्य लोकेश 17 अक्टूबर को ग्लोबल इंटरफैथ वाश अलायंस (सुरक्षित जल एवं स्वच्छ वातावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सभी धर्मों का संयुक्त मंच) के अंतर्गत आयोजित सत्र को सम्बोधित करेंगे|उल्लेखनीय है कि अमेरिका 15 से 19 अक्टूबर तक आयोजित विश्व धर्म संसद में 80 देशों से लगभग दस हज़ार प्रतिनिधि भाग ले रहें हैं| हर चार साल में होने वाली विश्व धर्म संसद के मंच से 1893 में स्वामी विवेकानंद एवं वीरचंद राघव जी गाँधी ने विश्व को संबोधित कर भारतीय संस्कृति का परचम लहराया था|