नई दिल्ली(20जनवरी2015)- भारतीय गणतंत्र के सबसे बड़े पर्व पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की आमद को लेकर भारत सरकार ही नहीं देश की जनता भी ख़ासी उत्साहित है। हो भी क्या न…? दुनियां के सबसे सबसे बड़े लोकतंत्र के गणतंत्र दिवस पर दुनियां के सबसे पुराने लोकतंत्र के मुखिया की मौजूदगी जो होगी !
लेकिन इस सबके बीच अनेरिका की तरफ से एक ऐसा फरमान सामने आया है… जिसको लेकर चर्चा होना लाज़िमी सा हो गया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के वक़्त सीमा के उधर से कोई आतंकी हमला नहीं होना चाहिए। साथ ही किसी भी आतंकी हमले में यदि पाकिस्तान का हाथ होने की बात आई…. तो अमेरिका ने इसके नतीजों को भुगतने के लिए भी पाकिस्तान को तैयार रहने की चेतावनी दी है।
मुबंई हमला हो… या फिर संसद पर हमला….. या फिर कोई आतंकी हमला…. हर बार हमने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खासतौर से अमेरिका का ध्यान इस तरफ दिलाया है….साथ ही पाकिस्तान के ख़िलाफ कार्रवाई और अमेरिका द्वारा पाक को दी जा रही सैन्य सहायता पर विचार करने की मांग की है। लेकिन उसके नतीजे पूरी दुनियां के सामने हैं। लेकिन जब ख़ुद अमेकिरी राष्ट्रपति भारत आ रहे हों तो पाकिस्तान को चेतावनी दी जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि लगभग सवा सौ करोड़ भारतीय जनता….. जो आतंक के साए में हर वक़्त जीती है… उसकी सुरक्षा का ध्यान अमेरिका को कभी क्यों नहीं आया। साथ ही क्या ये मान लिया जाए कि एक ओबिडियेंट छात्र की तरह पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज़ आ सकेगा।
इस सबके अलावा आतंक को लेकर अमेरिका की छवि पहले ही दोहरे मापदंडो वाली मानी जाती रही है। आतंक को लेकर अमेरिका पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। विएतनाम, अफग़ानिस्तान और ईराक़ जैसे कई देशों में अमेरिका अपनी ताक़त दिखा चुका है। साथ ही रूसे के खिलाफ कभी अफगानिस्तान या ओसामा जैसे लोगों को खड़ा करना और बाद में उनको आतंकी बताकर ठिकाने लगाने को लेकर भी कई लोग अमेरिका की आलोचना करते रहे हैं। ऐस में उसके द्वारा महज़ अपने राष्ट्रपति की मौजूदगी में पाकिस्तान को आतंकी वारदात को चेतावनी दिया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।
सवाल ये भी है कि जिस पाकिस्तान को चेतावनी दी जा रही है…. उसको या किसी भी आतंकी संघठन को हथियार कहां से मिल रहे हैं। क्योंकि ये सभी को मालूम है कि कोई आंतकी गुट या कथित आतंकी देश किसी भी प्रकार के हथियार का निर्माण अपने दम पर करने में पूरी तरह नाकाम है। साथ ही अमेरिका…. जिसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा घातक हथियारों के व्यापार के दम पर ही टिका है।
वैसे भी अमेरिका कब क्या सोचता है इसका की पैमाना है भी नहीं। क्योंकि जब भारत जैसा शांति प्रिय देश भी विकास के लिए परमाणु परीक्षण करता है…. तो उस पर प्रतिबंध लगाने का फरमान भी उधर से ही आता है। साथ ही जिन प्रधानमंत्री मोदी से आजकल प्रेम की पींगे बढ़ती नज़र आ रही हैं। कभी यही मोदी अमेरिका जाने तक के लिए वीज़ा को तरसाए जाते थे।
कुल मिलाकर अगर अमेरिका की चेतावनी के बाद…. वाक़ई पाकिस्तान हमारी सीमाओं में अपनी नापाक हरकतों को हमेशा के लिए रोक देता है…. तो यक़ीनन ये बात हमारे लिए राहत भरी होगी।