गाजियाबाद(15 दिसंबर 2016)- अपराधियों के ख़िलाफ क़ानून के शिकेजे को कसने के पक्षधर हैं पुलिस महानिदेशक अभियोजन डॉ. सूर्य कुमार। इस बारे में पुलिस महानिदेशक अभियोजन उत्तर प्रदेश ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित मुख्य अभियोजन अधिकारी के कक्ष में अभियोजन अधिकारियों व शासकीय अधिवक्ताओं की बैठक में सजा कराओ अभियान की समीक्षा की। इस अवसर पर शुक्ला ने बताया कि जनपद गाजियाबाद में अभियान के दौरान 10 वर्ष से कम 1000 अपराधियों को तथा 193 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा करायी गई जबकि 4603 अपराधियों की जमानत निरस्त करायी गयी।
उन्होने बताया कि मेरठ परिक्षेत्र के गाजियाबाद जनपद में 3229 अपराधियों को 10 वर्ष से कम की सजा 742 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा करायी गईं। मेरठ परिक्षेत्र के अन्तर्गत 30489 अपराधियों की जमानतें निरस्त करायी गई।
श्री कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान प्रदेश स्तर पर कुख्यात अपराधियों को सजा कराओं अभियान के अन्तर्गत दिनांक 01.07.2015 से 03.12.2016 तक कुल 48985 अपराधियों को सजा कराई गई। इनमें से 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा पाने वाले अपराधियों की संख्या-83889 है तथा 10 वर्ष से कम की सजा पाने वाले अपराधियों की संख्या- 40596 है, जिनमें से 39 अपराधियों को मृत्यु दण्ड की सजा दिलाई गई।
प्रदेश स्तर पर कुल 187802 अभियुक्तों की जमानतें खारिज कराने में बडी सफलता मिली है। इस दौरान प्रदेश स्तर के 5581 टाॅप-10 अपराधियों की जमानतें खारिज करायी गयी। जबकि मादक पदार्थो की बडी मात्रा में तस्करी करने वाले तथा दहेज उत्पीडन डकैती अपहरण व हत्या के मामलों में बढी संख्या में सजायें करायी गई। श्री कुमार ने बताया कि अभियोजन निदेशालय द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने और ज्यादा से ज्यादा मुल्जिमों को चिन्हित कर सजा कराने के लिए शुरू किये गये अभियान के अन्तर्गत दिनांक 13.10.2015 से 03.12.2016 तक 3461 चिन्हित किये गये हिस्टंीशीटर/सक्रिय अपराधी को सजा करायी गयी। दिनांक 01.02.2016 से 03.12.2016 तक सदर/थानों के मालखानों में रखे 346029 सामानों/वाहनों का अभियोजन व पुलिस विभाग द्वारा निस्तारण कराया गया। दिनांक 14.09.2015 से 03.12.2016 तक की अवधि में प्रदेश में 704810 सम्मन/वारण्ट तामील हुए तथा 393441 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। दिनांक 05.10.2015 सें 03.12.2016 तक 44032 गम्भीर मुकदमों को अधीनस्थ न्यायालय से सत्र न्यायालय में सुपुर्द कराकर सुनवाई प्रारम्भ करायी गयी।
पुलिस महानिदेशक अभियोजन उ0प्र0 द्वारा निदेशालय स्तर पर एक कन्टोल रूम की स्थापना की गई है और एक प्रदेश स्तर की हेल्प लाइन प्रारम्भ की गई है, जिसके द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था से सम्बन्धित तथा गवाहों को मार्गदर्शन देने हेतु कार्य किया जायेगा। यदि किसी पीडित वादी या गवाह की समस्या का समाधान नही होता है तो सुरक्षा एवं मदद के लिये 100 नम्बर डायल करके थाने व क्षेत्र के अधिकारियों को सूचित कर दें। अभियोजन निदेशालय के कन्टंोल रूम के टेलीफोन नम्बर 0522-2305780 तथा सीयूजी नम्बर 9454456512 पर इसकी सूचना दी जा सकती है। पीडितों/गवाहों की सुरक्षा हेतु यैलो कार्ड भी वितिरित किये जा रहे है तथा पीडितों को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने के संबंध में प्रदेश के सभी जनपदीय अभियोजन अधिकारियों को अलग से निर्देश निर्गत किये जा चुके है कि वह अधिक से अधिक पीडितों का चिन्हांकन सुनिश्चित कराते हुये उन्हें क्षतिपूर्ति दिलाये जाने में सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अपराध प्रवीण रजंन वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ए.पी.सिंह व जे.डी. मिश्रा तथा जिला शासकीय अधिवक्ता सुरेश कुमार यादव भी उपस्थित थे।