किरतपुर (15 अप्रैल 2016)- बिजनौर के कस्बा किरतपुर में जलसा ए सीरत ए पाक में उलेमाओं ने अवाम को बेहतर और शरयी तरीक़ों ज़िदगी बसर करने का पैग़ाम दिया है। यहां के मदरसा इस्लामिया अरबिया फ़ैजुल उलूम में मुनअक़िद जल्से में उलेमाओं ने कहा कि अपनी जायदाद में अपनी बहनों और बेटियों का हक़ अदा करो। इस मौक़े पर मदरसे के 12 तलबा की हिफ्ज़े कु़रान मुकम्मल करने पर दस्तारबंदी और सीरत ए पाक पर रौशनी डाली गई।
जल्से का इफ्तेताह क़ारी शफीक़ुर्रहमान द्वारा तिलावत ए क़ुरान पाक से किया गया इसके बाद क़ारी ज़ुल्फि़क़ार ने नातियाकलाम पेश किया। हरदोई से तशरीफ लाए जल्से के महमाने ख़ुसूसी मौलाना शाह अफज़ाल ने अपने ख़िताब में अवाम को सुन्नते रसूल पर अमल करने और शादियों में फ़िज़ूलख़र्ची से बचने की हिदायत दी। सहारनपुर के मदरसा मज़ाहिर ए उलूम से तशरीफ लाए मुफ़्ती ए आज़म जनाब महमूद ने झूठ को सबसे बड़ा फितना बताते हुए इससे बचने की तरग़ीब दी। साथ ही अफरीक़ा से तशरीफ लाए मौलाना आबिद साहब ने इस्लाम में औरतों को दिये गये मुक़ाम की चर्चा करते हुए उनके हुक़ूक़ की हिफाज़त की बात कही। जल्से की सदारत मौलाना अफज़ाल ने और संचालन मौलाना सलीम अहमद क़ासमी ने किया, जबकि मौलाना अबुलकलाम ने दुआ कराई।
जल्से में मौलाना मुहम्मद इरफान, प्रबंधक इब्राहीम क़ुरैशी, मीनु क़ुरैशी, इक़रार नेता, मास्टर सईद अहदम, मौलाना राशिद, मौलाना आबिद, क़ारी इरशाद, क़ारी यामीन, क़ारी ज़ीशान, क़ारी अख़लाक़, मौलाना शहज़ाद और मुफ़्ती नईम क़ासमी ने हिस्सा लिया।