लखनऊ/बहराइच(11अगस्त2015)- हर साल लगने वाले हज़रत सय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी के उर्स में इस बार सूचना आयुक्त हाफ़िज़ उस्मान ने भी शिरकत की। इस्लामी पैग़ाम को अवाम तक पहुंचाने और इस्लामी फतूहात में अहम किरदार निभाने वाले हज़रत सयय्द सालार मसूद ग़ाजी की तालीमात आज भी अवाम के लिए एक रौशन मिसाल हैं। 11 वीं शताब्दी में जाम ए शहादत नोश फरमाने वाले शहीद की तालीमात और उनके किरदार पर अमल के नाम पर हर साल बहराइच में उर्स मनाया जाता है। जिसमें इस बार हाफ़िज़ उस्मान ने भी वहां मौजूद लोगों से ख़िताब भी किया।
सूचना आयुक्त हाफ़िज़ उस्मान ने कहा कि इस्लाम का पैग़ाम लाने वाले बुज़ुर्गों के बताए हुए रास्ते पर चलना हम सब के लिए ज़रूरी है। उन्होने कहा कि इस्लाम का पैग़ाम है कि समाज में कोई छोटा है न बड़ा, न कोई गरीब है न कोई अमीर और न कोई ताक़तवर है न कमज़ोर, सब एक हैं और बराबर है। हाफ़िज़ उस्मान ने कहा कि हिंदु और मुसलमान छोटे और बड़े दो भाइयों की तरह हैं। छोटे को चाहिए कि बडे का सम्मान करे और बड़े को छोटे प्रेम करना चाहिए। इस भावना से जीने में ही शांति है। उन्होने कहा कि आरटीआई हर देशवासी के लिए एक ताक़तवर हथियार है। इसको देश और समाज की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उर्स इंतज़ामिया के सदर चौधरी कलीम उस्मानी के अलावा इज़हार बेग, यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष फराज़ अहमद, तेजेंद्र सिंह एमएलसी समेत काफी लोग मौजूद थे।