लखनऊ (20 2015)उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सदभावना के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून एवं व्यवस्था को उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया अगर किसी भी जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने वाली कोई घटना होती है तो इसके लिए जिलाधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
उन्होने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में कहा, ‘कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता..अगर कोई साम्प्रदायिक घटना होती है तो इसके लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सीधे जिम्मेदार होंगे।’
मुख्यमंत्री बिना किसी सूचना के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस राज्य स्तरीय बैठक में अचानक पहुंचे उन्होने बैठक में कहा कि वे कानून व्यवस्था के लिए संजीदगी से काम करते हुए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान दें।’ उन्होंने जनता से सीधे जुडे विभागों की व्यवस्था में समुचित गुणवत्ता और सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि अपने कर्तव्य पालन कोताही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अपराध रोकने के लिए कड़े कदम उठाये जाये और अगर कोई बड़ी अपराधिक घटना हो भी जाये तो आवश्यक कार्रवाई के साथ ही यह भी तय किया जाये कि प्रैस में सही बात ही आये। उन्होंने आगामी पंचायत चुनाव और त्यौहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी ।