नई दिल्ली(16जुलाई2015)-उपराष्ट्रापति एम हामिद अंसारी ने आज एक समारोह में स्वदतंत्रता सेनानी और सैक्यूरिज़्म के सच्चे प्रतीक राजा महेन्द्रप प्रताप पर लिखी गई एक पुस्ततक का विमोचन किया। इस पुस्त क का संपादन रघुबीर सिंह ‘अरविंद’ ने किया है। इस अवसर पर उपराष्ट्रोपति ने कहा कि राजा महेन्द्रद प्रताप सच्चेव राष्ट्रखवादी थे और उनके विचार अपने समय से काफी आगे थे। उन्हों ने कहा कि राजा महेन्द्रर प्रताप की जीवनी पुस्त क और वृत्ते चित्र के रूप में उपलब्धन होनी चाहिए ताकि उसे लोगों तक पहुंचाया जा सके और लोग स्वातधीनता आन्दोेलन में उनके महान योगदान से सीख ले सकें। उन्होंऔने पुस्तनक के सम्पामदक को इतनी उपयोगी पुस्ततक लाने के लिए बधाई दी।
पुस्तधक में इस बात को उजागर किया गया है कि राजा महेन्द्रम प्रताप ने अपने राजनीतिक विचारों से कभी समझौता नहीं किया और वे 1913-15 के बीच हुई गदर क्रांति से बेहद प्रभावित थे। 1915 में अपनी जमीनें और संपत्तियों को छोड़कर अफगानिस्ता न चले गए और उन्हों ने काबुल में अपने सहयोगी बरकतुल्लाि खान और मौलवी ओबेदुल्ला सिंधी के साथ भारत की पहली प्रान्तीपय सरकार की स्था पना की। द्वितीय विश्वल युद्ध के बाद वे भारत लौट आए जब भारत को आजादी मिलने वाली थी। वह अफगानिस्ताान से श्रीलंका तक ग्रेट यूनियन का गठन करना चाहते थे जो विभाजन के कारण संभव नहीं हो सका। ……