जेटली की केतली में क्या है ये धीरे-धीरे सामने आने लगा है। दरअसल विपक्ष को चारों ख़ाने चित करने वाली बीजेपी ही फिलहाल अंदरूनी तू-तू, मैं-मैं से जूझ रही है। पूर्व फाइनेंस मिन्सिटर यशवंत सिंह और मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली की तकरार से लगता है कि सरकार से लेकर पार्टी तक में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने पर यशवंत सिंह पर जेटली के पलटवार के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री सिंह ने अरुण जेटली के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।
बड़े बोल और दावे करने वाली बीजेपी के ढोल की पोल उन्ही के पुराने सिपहसालार ने खोल कर रख दीहै। अर्थव्यवस्था पर और नोटबंदी को लेकर सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाने वाले बीजेपी के ही पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने देश की सियासत में कोहराम मचा दिया है। सरकार की आलोचना करने और अरुण जेटली की नाकामी पर यशवंत सिंहा के सवालों से तिलमिलाए अरुण जेटली भी मैदान में कूद पड़े। यशवंत सिंहा को 80 साल की उम्र में नौकरी तलाश करने की मिसाल देकर जेटली ने अपनी झुंझलाहट का इज़हार किया था। जिसके बाद यशवंत सिंह ने भी बाक़ायदा जेटली के खिलाफ अपने तीर चला दिए हैं। सिंह ने जेटली के कटाक्ष के जवाब में कहा कि अगर मैं नौकरी का आवेदक होता, तो शायद वो यानि अरुण जेटली पहले नंबर पर ना होते। यशवंत सिंहा ने कहा कि अरुण जेटली मेरी पृष्ठभूमि भूल गए हैं। सिंहा ने कहा कि मैंने राजनीति में दर-दर की ठोकर खाई है, मैं आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आया हूं। यशवंत सिंहा का कहना है कि मैं हर सेक्टर पर चर्चा करने को तैयार हूं। सरकारी दावों की पोल खोलते हुए सिंहा ने कहा कि हर सेक्टर में गिरावट हो रही है।
इतना ही नहीं मोदी लहर के बावजूद लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके जेटली पर कटाक्ष करते हुए सिंहा ने कहा कि मैंने राजनीति में आने के कुछ समय के बाद ही अपनी लोकसभा की सीट चुन ली थी। मुझे अपनी लोकसभा की सीट चुनने में 25 साल नहीं लगे हैं। सिंहा ने बेहद शांत स्टाइल में अपनी गुस्से का इज़हार करते हुए कहा कि जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। मैंने किसी पर पर्सनल अटैक नहीं किया है। सिंहा ने कहा कि मैंने वीपी सिंह की सरकार में मंत्री पद ठुकरा दिया था, लेकिन अरुण जेटली ने बिना लोक सभा पहुंचे ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया था। यशवंत सिंहा ने कहा कि कालेधन और पनामा पर वित्तमंत्री पर देश को गुमराह कर रहे हैं, पनामा मामले में भारत में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। सिंहा ने जेटली पर जमकर हल्ला बोलते हुए कहा कि मैं और चिदंबरम कभी दोस्त नहीं रहे हैं, बल्कि अरुण जेटली और चिदंबरम दोस्त रहे हैं। जेटली की वर्किंग स्टाइल पर सवाल उठाते हुए सिंहा ने कहा कि लोग आज भी मेरे पास जॉब की सर्च में आते हैं, क्या अरुण जेटली के पास लोग आते हैं। और मैं यूज़लैस मंत्री था, तो मुझे विदेश मंत्री क्यों बनाया गया था?