नई दिल्ली(7 सितम्बर 2015) – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा ग्रामीण सेवाओं के लाइसेंस रिन्यू करने के मामले पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा है। इस बारे में निगम पार्षद ईशरत जहां ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि वर्ष 2010 में दिल्ली में कांग्रेस की सरकार ने अति दूरगामी क्षेत्रों जहां पर दूसरे यातायात के साधन आसानी से उपलब्ध नहीं थे, वहां तक कनैक्टीविटी के लिए ग्रामीण सेवा की शुरुआत की थी। जिसमें जुलाई 2010 से मई 2016 तक 6158 ग्रामीण सेवाओं को लाईसेंस दिया था। इसमें प्रति ग्रामीण सेवा से 2000 रुपये के अलावा एकमुश्त टैक्स लिया गया था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने जुलाई 2015 में तकरीबन 500 ग्रामीण सेवाओं के परमिट रिन्यू नही किए।
इसी संदर्भ में एक आर.टी.आई. के जवाब में दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने यह बताया गया कि 2014 से जून 2015 तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने वाले वाहनों के खिलाफ हजारों शिकायते आई परंतु उनकी तुलना में ग्रामीण सेवाओं के खिलाफ केवल 701 शिकायते आईं। जिसमें कि 500 ऐसी शिकायते थी जो कि टैक्नीकल ग्राउंड पर ठीक हो सकती है।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए छाया समिति के सदस्य अमन पंवार ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस ने 2010 में ग्रामीण सेवा इसलिए चालू की थी ताकि लास्ट माईल कनैक्टीविटी हो सके अर्थात जहां बसें, मेट्रो फीडर आदि नहीं जा सकते वहां तक ग्रामीण सेवा की सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया था। पंवार ने कहा कि पहले प्रत्येक ग्रामीण सेवा से पांच साल के लिए सरकार ने सिर्फ 2000 रुपये लिए थे, परंतु अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह शुल्क बढ़ाकर 1000 रुपये 4 महीनों के लिए वसूलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने ग्रामीण सेवा की सेवाओं में कुछ कमियां देखी हैं तो उन कमियों को पूरा अध्ययन करने के बाद दूर भी किया जा सकता है और ग्रामीण सेवा चालकों को अवसर प्रदान करके उनके लाईसेंस रिन्यू किए जाने चाहिए।
इस मौके पर निगम पार्षद ईशरत जहां, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की छाया समिति के सदस्य अमन पंवार ने एक संयुक्त रुप से संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया। संवाददाता सम्मेलन में ग्रामीण सेवा से सम्बन्धित संगठनों के प्रतिनिधियों में यमुनापार से चरणजीत व प्रमोद, साउथ दिल्ली से श्री राजेश व नार्थ दिल्ली से नेगी के साथ अन्य भी मौजूद थे।