नई दिल्ली(30जुलाई2015)- कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। जिसके लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। जहां अजय माकन ने केजरीवाल पर अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठे संकटों और बहानों के बनाने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि केन्द्र द्वारा वेट कमश्निर विजय कुमार और शिक्षा विभाग में डायरेक्टर पद्मिनी सिंगला के तबादले का बहाना बनाकर केजरीवाल अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं, ताकि इससे भी वे अपना प्रचार पाने का कार्यक्रम जारी रख सकें।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार कुछ कायदे कानूनों के तहत चलती है, और ये कायदे कानून केजरीवाल की सहूलियतों के हिसाब से बदल नहीं सकते। साथ ही केजरीवाल दिल्ली के पिछले मुख्यमंत्रियों की तुलना में अपवाद भी नहीं बन सकते। अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल को उक्त दो अधिकारियों के तबादले के लिए केन्द्र सरकार को दोष न देकर अपने उपर जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
माकन ने कहा कि 23 जुलाई 2015 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गृहमंत्रालय को एक पत्र लिखकर कहा कि वे 24 तारीख को होने वाली ज्वाइंट कैडर कंट्रोल अतॉरिटी में दिल्ली प्रशासन की ओर से भाग लेना चाहते है। लेकिन जे.सी.सी.ए. द्वारा उनकी मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि कोई भी राजनीतिज्ञ जे.सी.सी.ए. का मेम्बर नहीं हो सकता, क्योंकि यह एक प्रशासनिक सेट-अप है जिसमें सिर्फ आई.ए.एस. आफिसर ही होते है। और जे.सी.सी.ए. ने दिल्ली सरकार को अपने मुख्य सचिव को भेजने के लिए कहा। अजय माकन ने कहा कि बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि 24 जुलाई 2015 को होने वाले केडर कंट्रोल की मीटिंग में दिल्ली सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि नही भेजा और न ही मुख्य सचिव को भेजा ताकि इसका फैसला किया जा सकता कि दिल्ली सरकार किन अधिकारियों को रखना चाहती है और केडर से सम्बन्धित विषयों पर दिल्ली सरकार का स्टेन्ड पता लग पाता। अजय माकन ने केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक तरफ तो केजरीवाल कह रहे है कि उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा है और उनको काम नहीं करने दिया जा रहा और न ही उनको अपनी पंसद के अधिकारियों को चुनने दिया जा रहा है। ताकि वे दिल्ली का प्रशासन सुचारु रुप से चला सकें। जबकि असलियत कुछ और है। क्योकि दिल्ली सरकार जानबूझकर महत्वपूर्ण बैठकों का विरोध कर रही जहां पर इस प्रकार के निर्णय लिये जा रहे हैं। अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल फिर बेचारा बनकर मीडिया के सामने इस प्रकार के झूठे संकटों का निमार्ण कर रहे है जबकि सच्चाई यह है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को मजबूत प्रशासन देने की बिलकुल इच्छुक नही है।
अजय माकन ने कहा कि हम पूछना चाहते है कि क्या इस अविश्वास और केन्द्र व दिल्ली राज्य के बीच हो रहे विवाद के कारण दिल्ली की जनता की दिक्कते और बढ़ेंगी? माकन ने कहा कि केजरीवाल का काम सिर्फ स्टंट करना था जिसकी वजह से दिल्ली की जनता परेशानियों का सामना कर रही है। इस सिलसिले का उदाहरण पहली बार शुरु हुआ जब दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति में केजरीवाल ने संकट पैदा कर दिया और उन्होंने 14 वर्ष कनिष्ठ अधिकारी रमेश नेगी के नाम का सुझाव दिया और उसके साथ ही शकुंतला गेमलिन के प्रकरण में भी वहीं पेटर्न दोहराया गया। जबकि सिसोदिया ने गेमलिन का नाम पहले ही मुख्य सचिव के पद के लिए साफ कर दिया था। यह पेटर्न स्वाती मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग के चैयरपरसन बनाने के लिए भी अपनाया गया जहां पर जानबूझकर उपराज्यपाल के नाम से उनके हस्ताक्षर के बिना आदेश निकाल दिया। ज्ञात हो कि पहले भी दिल्ली महिला आयोग की 6 चेयरपर्सनस की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल की अनुमति ली गई थी। केजरीवाल ने शोर मचाते हुए कहा कि उन्हें दबाया जा रहा है जबकि मीडिया की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि स्वाती मालीवाल की फाईल कभी भी उपराज्यपाल की अनुमति के लिए नहीं भेजी गई थी और बाद में दिल्ली सरकार ने स्वाती मालीवाल की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल से अनुमति ली। अजय माकन ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यह आरोप लगाया था कि दिल्ली में टैक्स प्राप्ति में कमी का कारण भ्रष्टाचार है जबकि यदि हम पिछले 6 महीने के वैट कलैक्शन के आंकडो का विश्लेषण करें तो हमें पता चलता है कि वेट कलैक्शन 2013 में 10.3 प्रतिशत था जबकि 2014-2015 में यह घटकर 1.75 प्रतिशत रह गया। अजय माकन ने वर्ष 2013, 2014 व 2015 के फरवरी से जुलाई का आंकड़ा देते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल में वेट की वृद्धि के बावजूद भी उक्त वेट कलैक्शन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2013 में फरवरी से जुलाई तक का वेट कलैक्शन 8493 करोड़ था, वर्ष 2014 में फरवरी से जुलाई तक का वेट कलैक्शन 9345 करोड़ था और वर्तमान वर्ष 2015 में फरवरी से जुलाई तक का वेट कलैक्शन 9509 करोड़ है। माकन ने कहा कि यदि हम यह हिसाब लगाऐ कि यदि आने वाले दिनों में वेट कलैक्शन बढ़ता भी है तो यह 4.43 प्रतिशत या ज्यादा से ज्यादा 5 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ेगा पिछले 6 महीनों में। क्या हम उक्त आंकडों से यह अनुमान लगाये कि केजरीवाल सरकार आने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार बढ़ा है क्योंकि दिल्ली में वेट कलैक्शन घटा है। अजय माकन ने कहा कि पिछले वर्ष वेट का कलैक्शन 18589 करोड़ था जबकि इस वर्ष के इकोनामिक सर्वे में दिल्ली सरकार ने वेट कलैक्शन का टारगेट 24000 करोड़ रुपये रखा है। माकन ने कहा कि 32 प्रतिशत की वेट कलैक्शन की बढ़ौतरी किस जादूई छड़ी से हो जायेगी। यह अपने आप में सिर्फ एक झूठ के पुलंदे के सिवाय कुछ नहीं है।
संवाददाता सम्मेलन में अजय माकन के साथ प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, छाया कमेटी के सदस्य अमन पंवार और चतर सिंह भी मौजूद थे।